Pracheen Bhartiya Gyaan Saar / प्राचीन भारतीय ज्ञान सार

330.00

Publication Year 2022
ISBN-13 978-93-92549-16-8
ASIN 9392549168
Language Hindi ( हिन्दी)
Edition 1st
Pages 317
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प्राचीन भारतीय ज्ञान सागर

लेखक वी के जैन

चार वेद, चार उपवेद, छः उपांग एवं 18  पुराणों की व्याख्या करते हुए भारतीय विद्यार्थियों के लिए प्रस्तुत की गई यह पुस्तक समस्त तकनीकी विद्यालयों में प्रथम वर्ष में पढ़ाई जाएगी। पुस्तक हिंदी मैं लिखी गई है और जहाँ जहाँ भी उपरोक्त शास्त्रों में संस्कृत के श्लोकों का प्रयोग हुआ है उनका हिंदी में भावार्थ दिया गया है।

 

  • चार वेद (अर्थात ऋग्वेद सामवेद यजुर्वेद एवं अथर्ववेद )
  • चार उपवेद (आयुर्वेद धनुर्वेद,गंधर्ववेद एवं स्थापत्य)
  • छः वेदांग (अर्थात शिक्षा, कल्प, निरुक्त ,व्याकरण ,ज्योतिष , छंद ) एवं
  • चार उपांग (अर्थात धर्मशास्त्र, मीमांसा, पूराण तथा तर्कशास्त्र)
  • 18 पुराण
  • ब्रह्म पुराण
  • पद्म पुराण
  • विष्णु पुराण — (उत्तर भाग – विष्णुधर्मोत्तर)
  • वायु पुराण — (भिन्न मत से – शिव पुराण)
  • भागवत पुराण — (भिन्न मत से – देवीभागवत पुराण)
  • नारद पुराण
  • मार्कण्डेय पुराण
  • अग्नि पुराण
  • भविष्य पुराण
  • ब्रह्मवैवर्त पुराण
  • लिङ्ग पुराण
  • वाराह पुराण
  • स्कन्द पुराण
  • वामन पुराण
  • कूर्म पुराण
  • मत्स्य पुराण
  • गरुड पुराण
  • ब्रह्माण्ड पुराण